कितना जिया हूं 🏵️

कितना जिया हूं  तेरे बिना मैं 

गिनता नहीं मैं  पल ये कभी,

रोके न रुकती हैं राहें मेरी ये 

तुझ तक आती हैं ये सभी,

मिल न सके तो बिछड़ना कहां है 

रूह से रिश्ता बांध लिया

दिल ने तेरे ..मेरे दिल से  

दर्द सारा अपना बांट लिया,

तेरे बाद जीना हो न सकेगा 

बिन तेरे दिल मेरा थम जाएगा

वक्त जो आयेगा आखिरी मेरा 

लब पे बस तेरा नाम आएगा

प्यार न दिखता है लोगों में अब 

प्यार के नाम पे सौ अफसाने

सच्चा हो प्यार तो दर्द भी होगा 

दिल की चाहत को जो जाने

मौत ही मांगता रहता हूं अब तो 

तेरे बिना भी मैं हारा न करता 

दिल ही है इक जो तेरे बिन ही 

धड़कने को भी गवारा न करता

दिल की कलम एक मेरे प्यार की 

तेरी चाहत के हर रंग लिखती है

प्यार के पन्नों पे दिल की दीवार पे 

अपनी तस्वीरें संग दिखती हैं

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